Wednesday, 23 October 2013

@SriSriSpeaks 1h किसी और के फूल लाने की प्रतीक्षा न करो| अपना बागीचा खुद लगाओ और अपनी आत्मा का श्रृंगार खुद करो|


किसी और के फूल लाने की प्रतीक्षा न करो| अपना बागीचा खुद लगाओ और अपनी आत्मा का श्रृंगार खुद करो|

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