Tuesday, 17 February 2015

@SriSri
तुम कांटे हो या फूल, पत्ते हो या फल | तुम जैसे भी हो, शिव तुम्हें स्वीकार करते हैं |

@SriSri
ईश्वर की स्वीकृति जान कर अपने में विश्राम करो | साथ ही साथ निष्ठा से काम करो |

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